• Kinchulka : Nainam Chindanti Shastrani by Vikas Bhanti

"पापा, क्या हम राक्षस हैं?" "तो फिर हमारे पूर्वज किंचुलका को किंयुलकासुर क्यों कहते हैं?" भूत, भविष्य और वर्तमान कभी भी एक ल पर नहीं आने चाहिए,क्योंकि कहते हैं अगर ऐसा हुआ तो प्रकृति जाग जाती है और कभी-कभी प्रकृति को सुसुप्ति से जगाना वीभत्स हो जाता है।विज्ञान ने हमें उत्सुकता दी और उत्सुकता ने प्रयोग, ऐसे ही प्रयोगों की कहानी है 'किंचुलका: नैनम छिंदंति शस्त्राणिउत्सुकता का एक परिणाम आकांक्षा भी होता है राक्षसों से लड़ने के लिए उत्पन्न किये गए सर्वशक्तिशाली किंचुलका की जब आकांक्षाएं बढ़ गई तो उसे लंबी नींद सुला दिया गया। पर फिर विज्ञान की आकांक्षाओं ने उसे कलियुग में जगा दिया। और जब देवताओं से अधिक शक्तिशाली और राक्षसों से अधिक वीभत्स एक महामानव जागा तब क्या हुआ? विकास या विनाश?विज्ञान और आस्था की इसी लड़ाई का नाम है किंचुलका: नैनम छिंदंति शस्त्राणिआखिर में एक सवाल और"जब रक्षा करने के लिए उत्पन्न शक्ति विनाशक हो जाये तब क्या उचित है, एक और शक्ति का उदय!".

Vikas Bhanti


MRP: INR 150| Pages: 151 

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Kinchulka : Nainam Chindanti Shastrani by Vikas Bhanti

  • Brand: FlyDreams
  • Product Code: Kinchulka
  • Availability: In Stock
  • ₹150.00INR


Tags: Books & Novels, Fly Dreams