राहगीर ने अपनी कविताई और गायकी के माध्यम से सामाजिक विसंगतियों तथा विडंबनाओं पर कुठाराघात किया है। 'समझ गए या समझाऊँ?' राहगीर का दूसरा कविता-संग्रह है जिसमें कवि का चिर-परिचित तेवर मौजूद है।

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Samajh Gaye ya Samjhaun? समझ गए या समझाऊं?

  • Product Code: Rahgir
  • Availability: In Stock
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  • ₹224.00INR


Tags: Books & Novels